اتوار، 31 مارچ، 2013

Sar Mundate hi...Pade

Azmi's: सर मुंडाते ही ...पड़े: सर मुंडाते ही ...पड़े शाम का वक्त है और मैं अपने आंगन में लेटा, अपने आप में गुम,  सुर और ताल के साथ गुनगुना रहा हूँ: मेरी ख़ब्तुलहवास...

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مخفف کے اصول

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